Bharatmala Project Corruption रायपुर: भारतमाला सड़क परियोजना में छत्तीसगढ़ में भू-अर्जन के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। रायपुर के अभनपुर में में खेल उजागर होने के बाद प्रदेश भर में इसकी जांच के निर्देश शासन ने दिए हैं। राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग आयुक्तों से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
Bharatmala Project Corruption
बतादें कि रायपुर समेत राज्य के 11 जिलों में कई अधिकारियों द्वारा फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने में अनियमितताएं उजागर हुई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एक जनवरी 2019 के बाद सभी सरकारी और गैर-सरकारी भूमि अधिग्रहण मामलों की जांच के निर्देश दिए हैं। 15 दिवस के भीतर तैयार कर विभागीय वेबसाईट पर डालने के लिए कहा गया है। दूसरी ओर ईओडब्ल्यू ने भी राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट मांगी है। उस रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू भू-माफिया व अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है।
इन जिला में मुआवजा प्रकरण की होगी जांच
भारतमाला योजना के अंतर्गत रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोण्डागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिलों में भू-अर्जन की प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं दर्ज की गई हैं।
इन शिकायतों के कारण शुरू हुई जांच
मूल खसरे को तोड़कर छोटे भूखंडों में विभाजित करना, जिससे अधिक मुआवजा मिले। भू-अर्जन अधिसूचना के बाद जबरन बंटवारा, नामांतरण, निर्माण कार्य कराकर मुआवजे में फर्जीवाड़ा।
पुरानी तारीखों में फर्जी दस्तावेज बनाकर लाभ लेना। भूमि पर स्थित संपत्तियों की जानकारी जानबूझकर अधूरी या गलत देना। इन गड़बड़ियों का उद्देश्य सरकारी राशि का दुरुपयोग कर अधिक मुआवजा लेना था।
अधिकारियों, भू-माफियाओं की मिलीभगत
Bharatmala Project Corruptionभारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला की प्रारंभिक जांच में यह पता चला था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर सिर्फ अभनपुर में फर्जी तरीके से करीब 43 करोड़ की मुआवजा बंदरबांट किया गया था। जांच के दौरान यह आंकड़ा बढ़ गया और 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया। अब तक करीब 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन सामने आया है।
यह है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला
योजना के तहत राजधानी से विशाखपट्टनम तक 950 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बन रही है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने किसानों की जमींने अधिग्रहित की थी। इन किसानों को इसके बदले मुआवजा दिया जाना था। जमीन अधिग्रहण के बावजूद कई किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।अब तक छह अधिकारी निलंबित
अब तक ये अधिकारी हो चुके हैं निलंबित
– शशिकांत कुर्रे, तहसीलदार, अभनपुर
– निर्भय साहू, तत्कालिक एसडीएम, अभनपुर
– लखेश्वर प्रसाद किरण, तत्कालीन नायब तहसीलदार
– जितेन्द्र साहू, तत्कालीन हल्का पटवारी क्र. 49, नायकबांधा,
– दिनेश पटेल पटवारी हल्का पटवारी क्र. 49, नायकबांधा,
– लेखराम देवांगन, तत्कालीन हल्का पटवारी क्र. 24, टोकरो
वर्जन
सभी संभागायुक्तों को एक जनवरी 2019 के बाद सभी सरकारी और गैर-सरकारी भूमि अधिग्रहण मामलों की जांच के निर्देश दिए हैं। 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
अविनाश चंपावत, सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग