रायपुर में बर्खास्त B.ed सहायक शिक्षकों पर FIR: चक्काजाम के दौरान पुलिस से हुई थी झूमाझटकी
Assistant Teachers Protest: छत्तीसगढ़ में बर्खास्त B.ed सहायक शिक्षकों की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। इनके द्वारा रविवार, 19 जनवरी को किए गए चक्काजाम किया गया था। इस दौरान इनकी पुलिस से जमकर झूमाझटकी हो गई थी, कई शिक्षक घायल हो गए थे। अब उस मामले में तेलीबांधा थाना पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के खिलाफ FIR और दर्ज कर ली है।
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शिक्षकों ने मरीन ड्राइव पर किया था चक्काजाम
Chhattisgarh Bed Assistant Teachers Protest जानकारी के मुताबिक बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने रविवार को रायपुर के तेलीबांधा (मरीन ड्राइव) पर प्रदर्शन किया था। जिसमें उनकी पुलिस से खूब झूमाझटकी हुई थी। पुलिस ने भी बेरहमी से शिक्षकों के प्रदर्शन का कुचला था। कई महिला शिक्षक बेहोश हो गईं थी। टीचर्स ने पुलिस पर कपड़े फाड़ने और बैड टच करने का आरोप लगाया था।
शिक्षकों ने 10 घंटे किया था प्रदर्शन
बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग को लेकर 10 घंटे तक चक्काजाम किया था। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके परिजन शामिल हुए थे। जिन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी बहाली की मांग की थी।
पुलिस ने रात में प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती हटाया
Chhattisgarh Bed Assistant Teachers Protest प्रदर्शनकारी शिक्षकों को हटाने के लिए पुलिस ने रात 10 बजे सख्ती दिखाई और उन्हें खींचकर बसों में भरकर तेलीबांधा से हटा दिया। इस घटना को लेकर पूर्व सीएम बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर साय सरकार पर निशाना साधा है।
Chhattisgarh Bed Assistant Teachers Protest इस तरह शुरू हुआ शिक्षकों का प्रदर्शन
- 26 दिसंबर- आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा कि ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है।
- 28 दिसंबर- आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। कहा कि, अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे।
- 29 दिसंबर- आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे।
- 30 दिसंबर -पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं। सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए।
- 1 जनवरी – सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया। यहां प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- 2 जनवरी – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
- 3 जनवरी – सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बना दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में 5 अधिकारी शामिल हैं।
- 3 जनवरी – मांगे पूरी नहीं होने से नाराज सहायक शिक्षकों ने सामूहिक अनशन शुरू किया।
- 6 जनवरी – राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदान बहिष्कार के लिए आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
- 7 जनवरी – शालेय शिक्षक संघ ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया
- 8 जनवरी – बीरगांव में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने आमसभा की और रैली निकाली
- 10 जनवरी – NCTE यानि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया।
- 12 जनवरी – माना से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली गई।
- 17 जनवरी – पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
- 18 जनवरी – मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का सुबह 5 बजे घेराव कर दिया।
- 19 जनवरी – तेलीबांधा की सड़क में चक्काजाम कर किया प्रदर्शन।
- 21 जनवरी- तेलीबांधा पर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर FIR हुई।
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