Bharat Mala Project Scam रायपुर: भारत माला प्रोजेक्ट में कथित घोटाले की जांच अब एक नई दिशा में बढ़ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस घोटाले में अपनी एंट्री कर दी है, और अब यह जांच तेज़ हो गई है। ED ने हाल ही में भारत माला प्रोजेक्ट के संदर्भ में दर्ज FIR और जांच प्रतिवेदन की मांग की है। इस मामले में 11 से ज्यादा आरोपियों के नाम सामने आए हैं।
जमीन दलालों की गिरफ्तारी
जांच में सामने आए प्रमुख नामों में भूमि दलाल हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, उमा देवी और केदार तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है। ये आरोपी जमीन के फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से करोड़ों रुपये का घोटाला करने में शामिल थे।
FIR में सीनियर सरकारी अफसरों के नाम
FIR के अनुसार, तत्कालीन SDM निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और RI रोशन वर्मा भी इस घोटाले में शामिल हैं। इसके अलावा, पटवारी दिनेश पटेल, जितेंद्र साहू, लेखराम देवांगन और बसंती धृतलहरे के नाम भी FIR में हैं, जो कथित तौर पर इस घोटाले के साजिशकर्ता थे।
जल संसाधन विभाग के अफसर भी आरोपी
इस मामले में जल संसाधन विभाग के अफसरों का भी नाम सामने आ रहा है। दीपक देव, नरेंद्र नायक और जीआर वर्मा को फर्जीवाड़े का आरोपी बनाया गया है। ये अफसर भी आरोपित हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और भारत माला परियोजना के तहत अवैध फंड ट्रांसफर किए।
कोटवार और कारोबारी भी आरोपी
जांच में यह भी पता चला कि कोटवार यशवंत कुमार और व्यापारी विनय गांधी सहित अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर मुआवजा राशि अधिक करने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की और फर्जी रिपोर्ट तैयार की।
जिला पंचायत सदस्य भी जांच के दायरे में
इस मामले में अब जिला पंचायत सदस्यों के भी नाम आ रहे हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे घोटाले में शामिल थे। EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने इन सदस्यों से पूछताछ के लिए बुलाया है, जिन पर करोड़ों रुपये का मुआवजा लेने का आरोप है।
षडयंत्र के हिस्से बने आरोपी
Bharat Mala Project Scam जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ भूमि मालिक, जो इस घोटाले में शामिल हुए थे, उन्होंने जानबूझकर गलत तरीके से मुआवजा राशि बढ़वाने के लिए जमीन दलालों से मिलकर षडयंत्र किया। ये लोग अब आरोपी बनाए गए हैं और उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच और सजा की प्रक्रिया तेज
केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। ED अब इस पूरे मामले की जांच को आगे बढ़ाएगा, और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है। इसके तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया।
जानिए क्या है भारतमाला परियोजना ?
अब जानिए कैसे हुआ घोटाला ?
शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से अधिक राशि की गड़बड़ी का आरोप है।