शहर की छोरी गांव में करे शादी, मिलेंगे 6 लाख रुपये, सरकार ने कर दिया ऐलान
women can get 6 lakh rupees आजकल के इस अर्थयुग में हर कोई मोटी रकम कमाना चाहता है। इसके लिए लोग अपने गांवों को छोड़कर शहरों की रूख कर रहे हैं। गांवों से पलायन दुनिया के कई देशों में हो रहा है। आजकल गांव विरान नजर आ रहे हैं। वहां की आबादी दिनों दिन घटती जा रही है। इधर शहरों में भी लोग भागदौड़ से बेहद परेशान नजर आ रहे हैं। गांवों में घटती आबादी को कम करने के लिए जापान सरकार ने अनोखा ऐलान किया है। सरकार का कहना है कि अगर शहर की कोई लड़की गांव में शादी करती है, तो उसे 7000 डॉलर तक मिलेंगे। यह रकम करीब 6 लाख रुपये तक पहुंच रही है।
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दरअसल, जापान के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या दिनों कम होती जा रही है। साल 2020 की जनगणना के मुताबिक, यहां 91 लाख सिंगल महिलाएं हैं, जबकि पुरुषों की संख्या 1.11 करोड़ है। ऐसे में देखा जाए तो 20 फीसदी महिलाओं की संख्या कम है। कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां यह अंतर 30 फीसदी तक पहुंच गया है।
मिलेंगे 5.87 लाख रुपये
women can get 6 lakh rupees मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के सालों में शहर की ओर रूख करने वाली लड़कियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पढ़ाई और नौकरी की वजह से गांवों से आने वाली लड़कियां शहरों में ही रुक जाती हैं। वो वापस गांव नहीं लौटना चाहती हैं। ऐसे में गांवों में कुंवारे लड़कों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे पहले सरकार राजधानी टोक्यो के 23 वार्डों में ऐसी ही एक मुहिम चला रही थी। जिसके तहत गांव जाने वाली महिलाओं को 70000 डॉलर यानी 5.87 लाख रुपये दिया जा रहा थे। टोक्यो प्रशासन के एक अधिकारी ने असाही शिंबुन को बताया, कई लोग शादी करना चाहते हैं, लेकिन गांवों में उन्हें लड़कियां नहीं मिल रही हैं. हमें उम्मीद है कि नई पहल से लड़कियां गांवों की ओर लौटेंगी।
women can get 6 lakh rupees बता दें कि जापान को बूढ़ा देश कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहां बच्चों की संख्या से बुजुर्गों की संख्या है। इस संकट से बचने के लिए जापान ने एक तरीका निकाला है। जापान सरकार का मकसद है कि सिंगल लड़कियां अपना जीवनसाथी शहर के बजाय गांव में ढूंढें। वहीं शादी करके रहें। कहा जा रहा है कि शादी के बाद अगर लड़की गांव में ही रहना चाहती है तो उसे अन्य वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जाएगी। जापान के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल प्रजनन दर 1.20 थी। किसी देश या क्षेत्र की जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए आवश्यक जन्मदर 2.1 होना जरूरी है।