किसी ने टोटका किया या कोई भूत बाधा हो…पंडित धीरेंद्र शास्त्री से जानिए छुटकारा पाने के आसान उपाय
Totka aur Bhoot Badha ke Upay: आपने ये जरूर सुना होगा कि लोग अपने विरोधियों और नापसंद करने वाले व्यक्तियों के ऊपर या उसके घर पर टोना-टोटका कर देते हैं। कहते हैं, इसके उस व्यक्ति के जीवन में कभी न खत्म होने वाली परेशानियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। उस व्यक्ति पर तरह-तरह की मुश्किलें आने लगती हैं। सबसे अधिक असर उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। वह चिंता, अवसाद और भ्रम का शिकार हो जाता है। वहीं, जिस घर कोई टोटका किया जाता है, तो घर के लोग बीमार पड़ जाते हैं, कलह होने लगता है, धन की हानि होने लगती है आदि।
Totka aur Bhoot Badha ke Upay: वहीं, यदि कोई व्यक्ति भूत या प्रेत बाधा से ग्रस्त है या किसी घर में भूत-प्रेत का वास है, तो वह व्यक्ति या उस घर के सदस्य हमेशा डरे-डरे और सहमे से दिखते हैं। घर की शांति छिन्न-भिन्न हो जाती है, जीवन का सुकून खो जाता है। कभी व्यक्ति पागलों जैसी हरकतें भी करता है। यह भी कहा जाता है कि उसकी जिंदगी नर्क के समान हो जाती है।
टोटका और भूतबाधा के उपाय
यदि आपके जीवन में भी कुछ ऐसी परेशानियां है, तो आप बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री जी के बताए गए एक उपाय से इन सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का यह उपाय बेहद आसान है। उनके अनुसार, आप अपने घर के अंदर भगवान श्रीराम को एक स्थान दीजिए यानी उनकी स्थापना कर लीजिए। इससे रामजी के द्वार पर हनुमान जी रक्षा करते हैं। हनुमान जी अपने आप आपके घर के रक्षक बन जाएंगे।
Totka aur Bhoot Badha ke Upay:
Totka aur Bhoot Badha ke Upay: हिन्दू धर्म की मान्यता है कि जहां भगवान श्रीराम रहते हैं, उनकी सेवा में उनके परम भक्त हनुमान जी सदैव तत्पर रहते हैं। जहां हनुमान जी वास करते हैं, वहां कोई टोना-टोटका या भूत-प्रेत टिक ही नहीं सकता है। तुलसीदासजी ने भी रामचरितमानस में लिखा है:
“भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।
नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत वीरा।”
कौन हैं आचार्य धीरेंद्र शास्त्री?
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री मध्य प्रदेश में छतरपुर के पास स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश हैं। उनके कथावाचन को सुनने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। उनकी प्रसिद्धि का एक सबसे बड़ा कारण उनका पर्चा लिखना है, जो वे बिना किसी के कुछ बताए, सत्संग में में श्रद्धालुओं की समस्याओं के बारे सब कुछ लिख देते हैं और उपाय भी बताते हैं।