Swine Flu In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में जानलेवा हुआ स्वाइन फ्लू, 15 दिन में 6 की मौत; 29 पॉजिटिव, जानें लक्षण, कारण और उपचार

Swine Flu In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू अब जानलेवा हो गया है. बीते 24 घंटे के दौरान स्वाइन फ्लू से 2 लोगों की मौत हो गई. मनेंद्रगढ़ में 41 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. वहीं राजनांदगांव में 37 साल के युवक की मौत हो गई. बता दें कि अगस्त महीने में  प्रदेश में स्वाइन फ्लू (H1N1 वायरस) से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक हफ्ते में 29 पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से 26 सिर्फ बिलासपुर जिले के हैं.

Swine Flu In Chhattisgarh: दरअसल, छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू  से पहली मौत 9 अगस्त, 2024 को कोरिया जिले में एक महिला की हुई थी. इसके एक दिन बाद यानी 10 अगस्त को जांजगीर-चांपा जिले में स्वाइन फ्लू  से मौत के मामले सामने आए थे. यहां 66 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी.

बिलासपुर में एक हफ्ते में मिले 26 स्वाइन फ्लू के मरीज 

Swine Flu In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह में स्वाइन फ्लू के 29 मरीज पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें से 26 केवल बिलासपुर के हैं, जिनमें से 14 मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. हालांकि इस बीच छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है. सर्दी, खांसी और कफ के साथ तेज बुखार रहने पर स्वाइन फ्लू टेस्ट कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

15 दिन में स्वाइन फ्लू से 6 लोगों की मौत

  1. 9 अगस्त को कोरिया जिले की 51 साल की महिला की मौत हो गई थी.
  2. इसके बाद 10 अगस्त को जांजगीर-चांपा जिले की 66 साल की महिला की जान चली गई थी.
  3. 11 अगस्त को बिलासपुर जिले में एक महिला की मौत हो गई थी.
  4. फिर एक दिन बाद 13 अगस्त को राजनांदगांव में 4 साल की बच्ची जान चली गई.
  5. 20 अगस्त को मनेंद्रगढ़ में 41 साल के एक युवक की मौत हो गई.
  6. 21 अगस्त को राजनांदगांव में एक युवक की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई.

Swine Flu In Chhattisgarh: क्या है स्वाइन फ्लू? 

स्वाइन फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो सूअरों से मनुष्यों में फैलता है.नियमित इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हैं. गर्मी और मानसून के मौसम में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं. स्वाइन फ्लू H1N1 इन्फ्लूएंजा एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. जब कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो बूंदें हवा में चली जाती हैं. वहीं जब दूसरे इंसान सांस के माध्यम से वायरस को अंदर ले लेता हैं, तो उसे भी यह संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा जब आप किसी दूषित सतह को छूते हैं और फिर अपने मुंह, नाक या आँखों को छूते हैं, तो भी आपको संक्रमण हो सकता है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण 

बुखार आना, सिरदर्द होना, खांसी आना, छींक आना, ठंड लगना, डायरिया होना, गले में खराश होना, थकान, नासिका मार्ग ब्लॉक होना

किन लोगों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा है

गर्भवती महिलाएं

हृदय रोग के मरीज

डायबिटीज के मरीज

65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को और 2 साल से छोटे बच्चे को स्वाइन फ्लू से खतरा बढ़ जाता है.

कैसे करें खुद को स्वाइन फ्लू से बचाव? 

1. खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें. साथ ही मास्क का इस्तेमाल करें.

2. भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोएं या हैंड वॉस करें.

3. स्वच्छ पानी भरपूर मात्रा में पीएं और पौष्टिक आहार का सेवन करें.

4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मास्क पहनें और हाथों को अच्छे से साफ करें.

5. मरीजों से मिलते समय दूरी बनाएं रखें.

6. भीड़ भाड़ जगहों पर जाने से बचें.

7. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

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