ताबड़तोड़ बरसीं गोलियां और प्रधानमंत्री जमीन पर… यहां PM पर हुआ जानलेवा हमला

Slovakia Prime Minister Robert Fico Shot: स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फीको (56) की हत्या करने की कोशिश हुई है। एक शख्स ने उन्हें 5 गोलियां मारी, जो पेट में लगीं। करीब साढ़े 3 घंटे की सर्जरी के बाद उन्हें बचाया जा सका। अब उनकी हालत खतरे से बाहर है। स्लोवाकिया के डिप्टी PM थॉमस तराबा ने हमले की पुष्टि की। उन्हें गोलियां तब मारी गईं, जब वे हैंडलोवा शहर में भाषण दे रहे थे।

Robert Fico Shot स्लोवाकिया की राष्ट्रपति जुजाना कैपुतोवा ने प्रधानमंत्री फीको पर हुए हमले की निंदा की है और हमलावर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। गृहमंत्री माटुस सुताज एस्टोक ने हमले को राजनीतिक रंजिश बताया। वहीं पुलिस ने हमलावर को मौके पर ही दबोच लिया था और अब उससे पूछताछ जारी है कि उसने यह खौफनाक वारदात क्यों अंजाम दी?

कौन है हमलावार, जिसे पुलिस ने मौके पर दबोचा?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री फीको पर गोलियां चलाने वाला शख्स 71 साल का बुजुर्ग है। प्राथमिक जांच के अनुसार, वह देश का मशहूर लेखक है और स्लोवाक राइटर्स के आधिकारिक संघ के सदस्य है। उसने 3 कविता संग्रह लिखे हैं और वह लेविस शहर का रहने वाला है। देयर के आंतरिक मंत्री माटुस सुताज एस्टोक ने बुधवार को मीडिया के सामने हमलावार की पहचान उजागर की। हमलावर DUHA (रेनबो) लिटरेरी क्लब का संस्थापक है। राइटर्स एसोसिएशन ने फेसबुक पर पुष्टि की कि प्रधानमंत्री पर गोलियां चलाने वाला व्यक्ति 2015 से संघ का सदस्य है। वहीं हमलावर के बेटे ने स्लोवाक न्यूज साइट aktuality.sk को बताया कि उसे नहीं पता था कि उसके पिता क्या सोच रहे थे? वह क्या योजना बना रहे थे और उन्होंने ऐसा क्यों किया। हां उनके पास लाइसेंसी रिवॉल्वर है, इसकी जानकारी उसे थी।

प्रधानमंत्री फीको को पसंद नहीं करता हमलावर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री फीको पर हमला देश की राजधानी ब्रातिस्लावा से 180 किलोमीटर दूर हैंडलोवा शहर में हुआ। पुलिस को शक है कि हमला चुनावी रंजिश में नफरत के चलते किया गया, क्योंकि हमलावर के बेटे ने पुलिस को बताया कि उसके पिता प्रधानमंत्री फीको को पसंद नहीं करते और उन्होंने इस बार वोट भी दिया दिया था।.

Robert Fico Shot

Robert Fico Shot बता दें कि स्लोवाकिया में सितंबर 2023 में चुनाव हुए थे। 30 सितंबर को रिजल्ट आए और फीको प्रधानमंत्री बने, लगे पद ग्रहण करने के बाद वे विवादों में घिर गए। प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने पहला फैसला यूक्रेन की सैन्य सहायता पर रोक लगाने का लिया था। उनके इस फैसले की देश में काफी आलोचना हुई थी।

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