Sawan 2025: सावन मास, जिसे श्रावण भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का सबसे पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसमें व्रत, पूजा, रुद्राभिषेक और भक्ति के विशेष आयोजन होते हैं।
पौराणिक मान्यता:
Sawan 2025: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सावन मास में समुद्र मंथन हुआ था, जिसमें कालकूट विष निकला। जब देवता और असुर इस विष से घबरा गए, तब भगवान शिव ने पूरी मानवता की रक्षा के लिए उसे पी लिया। इस दौरान उन्हें बेहद गर्मी और जलन हुई, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने गंगा जल, बेलपत्र और दूध अर्पित किया।
इसलिए, श्रावण मास में शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाने की परंपरा है। भक्त मानते हैं कि सावन में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
धार्मिक कारण:
सावन के हर सोमवार को “सोमवार व्रत” रखा जाता है, जो शिव भक्ति का प्रतीक है।
इस महीने में कांवड़ यात्रा की जाती है, जिसमें भक्त गंगा जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
विवाहित महिलाएं और कुंवारी कन्याएं अपने पति या भविष्य के जीवनसाथी की लंबी उम्र और सुख के लिए व्रत रखती हैं।
प्राकृतिक महत्व:
सावन का महीना मानसून के समय आता है, जब धरती पर हरियाली छा जाती है और मौसम सुहावना होता है।
यह महीना कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यही वह समय होता है जब किसान खेतों में बुवाई शुरू करते हैं।
Sawan 2025 सावन के धार्मिक अनुष्ठान:
रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, शिव चालीसा पाठ
हर सोमवार को शिव मंदिर में जलाभिषेक
बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद पुष्प अर्पित करना