प्रेम प्रसंग के चलते कलेक्ट्रेट के बाबू ने की थी आत्महत्या ! पुलिस ने किया खुलासा

  1. रायपुर कलेक्ट्रेट के राजस्व विभाग में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय की आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासे के साथ नया मोड़ सामने आया है।                                                                                    रायपुर एसएसपी संतोष सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया है कि, प्रदीप उपाध्याय के नंबर पर चल रहे वाटस अप जांच के दौरान कई चैट मिले हैं। जिसमें क्लर्क की किसी महिला से प्रेम प्रसंग की बात सामने आई है।चैट से समझ आता है की प्रदीप के यहां क्लेश चल रहा था। वह बार बार कई लोगों को आत्महत्या करने की धमकी देता था। और यह लगातार हो रहा था।                                                                   एसएसपी ने बताया कि, मृतक के परिजनों से प्रदीप उपाध्याय का मोबाइल मांगा गया था, लेकिन परिजनों ने जांच में पुलिस का सहयोग नहीं किया। बल्कि प्रेम प्रसंग और झगड़े की बात छिपाई। लेकिन अन्य लोगों के मोबाइल की भी जांच की गई। तकनीकि साधनों के माध्यम से काल डिटेल और वाट्सअप से इसका खुलासा हुआ।
  2. हालांकि शासन स्तर पर यह जांच चल रही है। जिसके कारण पुलिस जांच की रिपोर्ट रायपुर संभाग के कमिश्नर को भेजी जाएगी।

    उल्लेखनीय है कि, रायपुर के कलेक्टोरेट राजस्व शाखा में पदस्थ क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने के पहले उन्होंने एक पत्र लिखा है, जिसमें विभाग के तीन डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसरों तत्कालीन एडीएम पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।                                                        पत्र में उन्होंने अपनी मौत के लिए इन तीनों को जिम्मेदार बताया है। सुसाइट नोट में उन्होने लिखा है कि, जातिसूचक प्रताड़ना से त्रस्त होकर वे फांसी लगाकर आत्महत्या कर रहे हैं। इस मामले को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में ब्राम्हण समाज में गहरी नाराजगी थी। वहीं कांग्रेस ने भी जमकर राजनीतिक आरोप लगाए थे।

    बता दें कि क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने 28 अक्टूबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले प्रदीप उपाध्याय ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने विभाग के तीन अधिकारियों तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, वीरेंद्र बहादुर सिंह और एडीएम देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद सर्व ब्राम्हण समाज ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया. वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी गरमाई थी.विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा था. इस मामले में जांच की जिम्मेदारी GAD ने संभाग आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी थी.

    सुसाइड नोट में लिखी ये बातें
    मृतक प्रदीप उपाध्याय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है. उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी. मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था.’

    प्रदीश उपाध्याय ने मरने से तत्कालीक एसडीएस देवेंद्र पटेल, गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर, तत्कालीन ADM वीरेंद्र बहादुर और SDO देवेंद्र पटेल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। जबकि वह कई महीने पूर्व इनके अधीस्थ काम कर रहे थे।

  3. ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज कर जांच चलते तक सस्पेंड करने की मांग की है । सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष ललित मिश्रा ने कहा कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को भी ज्ञापन सौंपेंगे । इसके अलावा पूरे प्रदेश भर में ब्राह्मण समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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