Pora Tihar: छत्तीसगढ़ में आज मनाया जाएगा ‘पोरा तिहार’, जानिए इसका महत्व
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Pora Tihar 2024: पोला छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि किसानो का सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक पर्व है। यह त्यौहार किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए विशेष महत्व रखता है। ‘बैल पोला’ त्योहार के दौरान, कृषि में उनके अमूल्य योगदान के लिए संपूर्ण गोजातीय वंश के प्रति सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में बैलों की पूजा की जाती है। बता दें कि भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह पोला त्योहार, खरीफ फसल के द्वितीय चरण का कार्य (निंदाई गुड़ाई) पूरा हो जाने म नाते हैं। छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्योहार “पोरा” आज बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है।
Pora Tihar 2024:छत्तीसगढ़ में इसकी तैयारियां पूरे प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से की जाती हैं। सीएम हाउस से लेकर गांवों तक इसकी धूम देखने मिल रही है। सदियों से चली आ रही इस परम्परा का महत्व आधुनिक काल के युवा समझ पाए इसके लिए बाजार में पूजा के लिए मिट्टी से बने नंदी, बैल समेत जांता चक्की व चूल्हा का सेट भी बिक रहा है।
Pora Tihar 2024: इस दिन बैलों का श्रृंगार कर उनकी पूजा की जाती है। बच्चे मिट्टी के बैल चलाते हैं। इस दिन बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है और इस दिन में बैलों से कोई काम भी नहीं कराया जाता है। घरों में अच्छे-अच्छे व्यंजन बनाए जाते हैं। बैल, धरती और अन्न को सम्मान देने के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
Pora Tihar 2024:
ऐसी मान्यता है कि रात में जब गांव के सब लोग सो जाते है तब गांव का पुजारी-बैगा, मुखिया तथा कुछ पुरुष सहयोगियों के साथ अर्धरात्रि को गांव तथा गांव के बाहर सीमा क्षेत्र के कोने-कोने में प्रतिष्ठित सभी देवी देवताओं के पास जा-जाकर विशेष पूजा आराधना करते हैं। यह पूजन प्रक्रिया रात भर चलती है। वहीं दूसरे दिन बैलों की पूजा किसान भाई कर उत्साह के साथ पर्व मनाते हैं।