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NHM कर्मचारियों को निकालने के आदेश, स्वास्थ्य सचिव कटारिया ने रात 11:30 बजे किया सभी CMHO को मैसेज

NHM Workers Strike: रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में हड़ताल कर रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों के खिलाफ शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने रात साढ़े 11 बजे स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप्स में महत्वपूर्ण संदेश जारी कर सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) को निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के तहत ड्यूटी पर न लौटने वाले कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। यह कदम प्रदेश भर में एक माह से अधिक समय से चल रही हड़ताल के बीच आया है, जिसमें 16 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।

स्वास्थ्य सचिव के संदेश में क्या-क्या निर्देश?

स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने विभिन्न ग्रुप्स में भेजे गए संदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि हड़ताल को अवैध और अनुशासनहीन करार देते हुए सभी सीएमएचओ को निम्नलिखित कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं:

बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू करें:

ड्यूटी पर न लौटने वाले सभी एनएचएम कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई तत्काल अमल में लाएं। अनुपस्थिति अवधि का वेतन भी काटा जाएगा।

खाली पदों की सूची तैयार करें:

सभी खाली पदों की विस्तृत सूची बनाकर शुक्रवार तक राज्य कार्यालय में अपडेट करें।

नई नियुक्ति की प्रक्रिया:

तत्काल प्रभाव से खाली पदों पर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करें, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई बाधा न आए।

NHM Workers Strike:  ये निर्देश रात के समय जारी होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले 29 अगस्त को भी अमित कटारिया ने काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था, जिसका पालन न करने पर 25 अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी।

एनएचएम कर्मियों की हड़ताल

NHM Workers Strike:  एक माह से अधिक चली आंदोलन की पृष्ठभूमिप्रदेश के 16 हजार से अधिक एनएचएम स्वास्थ्यकर्मी 18 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनकी मुख्य मांगें नियमितीकरण (संविलियन) समेत 10 सूत्रीय हैं, जिनमें शामिल हैं:संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण।

वेतन वृद्धि और ग्रेड पे निर्धारण।

कार्यमूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार।

सीआर व्यवस्था में पारदर्शिता।

लंबित 27% वेतन वृद्धि का भुगतान।

नियमित भर्ती में आरक्षण।

अन्य राज्यों की तरह बेहतर सुविधाएं।

NHM Workers Strike:

एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने बताया कि 160 बार ज्ञापन देने के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने मोदी की गारंटी के तहत संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण का वादा किया था, लेकिन 20 माह बाद भी कुछ नहीं हुआ।” हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, मरीजों को परेशानी हो रही है, और यहां तक कि आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।