हाथरस भगदड़: सीने में चोट, दम घुटने के कारण अधिकतर लोगों की हुई मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले राज

Hathras Satsang Tragedy हाथरस जिले के फुलराई गांव में जीटी रोड के पास भोले बाबा के नाम से मशहूर सूरज पाल उर्फ बाबा भोले के आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद आगरा के एस एन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 21 शव लाए गए थे। आगरा के इस सरकारी अस्पताल में किए गए पोस्टमार्टम से पता चला है कि 2 जुलाई को हाथरस भगदड़ के पीड़ितों में सीने की चोटों, दम घुटने और पसलियों की चोटों के कारण वक्ष गुहा में खून जमना ही मौत का प्रमुख कारण था।

CMO ने दी ये जानकारी

एस एन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि ज्यादातर लोगों की मौत वक्ष गुहा में खून जमा होने, दम घुटने और पसलियों में चोट लगने के कारण हुई है। आगरा स्थित केंद्र में लाए गए मृतकों में मथुरा, आगरा, पीलीभीत, कासगंज और अलीगढ़ के निवासी शामिल हैं।

कैसे हुई इतनी बड़ी घटना?

बHathras Satsang Tragedy ता दें कि मंगलवार को भगदड़ उस समय हुई जब हजारों लोग हाथरस जिले के सिकंदरा राऊ क्षेत्र के रति भानपुर गांव में भोले बाबा के आयोजित समागम ‘सत्संग’ सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे। भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल जाटव के धार्मिक समागम के खत्म होने के बाद महिलाओं के कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने के तुरंत बाद भगदड़ शुरू हो गई।

चरण धूल लेने के लिए दौड़ी भीड़

मिली जानकारी के मुताबिक, समागम दोपहर करीब 2 बजे खत्म हुआ। इसके बाद बाबा महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भीड़ को दरकिनार करते हुए कार्यक्रम स्थल में दाखिल हुए और बाहर निकले। चारों तरफ वाहन थे और हाईवे का एक हिस्सा भक्तों और वाहनों से लगभग जाम हो गया था। फिर जैसे ही बाबा का वाहन राजमार्ग पर पहुंचा, सैकड़ों भक्त चरण धूल (उनके चरणों की धूल) और उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनकी कार की ओर दौड़ पड़े।

Hathras Satsang Tragedy भीड़ राजमार्ग की ओर दौड़ी और उनमें से कई लोग ऊपर नहीं चढ़ पाए और फिसल गए जैसे ही भक्त गिरे, राजमार्ग की ओर भाग रहे अन्य लोगों ने परवाह नहीं की और बाबा की कार का पीछा करने की कोशिश करते हुए उन्हें अपने पैरों तले कुचल दिया। इससे भगदड़ मच गई और जो लोग गिर गए वे उठ नहीं पाए, वे मर गए और इनमें से कई महिलाएं थीं।

Hathras Satsang Tragedy मामला हुआ दर्ज

पुलिस ने ‘सत्संग’ के आयोजकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने आयोजन स्थल पर 2.5 लाख लोगों को इकट्ठा कर लिया, जबकि उन्हें केवल 80,000 लोगों के लिए अनुमति मिली थी।

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