राजधानी रायपुर के इस गणेश पंडाल में दिखा वृंदावन का नजारा, 55 प्रतिमाओं से दिखाई दी श्रीकृष्ण लीला, जानिए कितना आया खर्च

Ganesh Utsav 2024: रायपुर। राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी के पड़ाव में लगभग 100 साल पुरानी गणेशोत्सव समिति ने इस वर्ष स्थल सजावट में वृंदावन का नजारा प्रस्तुत किया है। श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं को 55 चलित मूर्तियों के माध्यम से दिखाया गया है। लगभग 25 लाख रुपये की लागत से बनाया गया वृंदावन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना । गणेशोत्सव प्रारंभ होते ही पिछले चार दिनों से बारिश हो रही है। श्रद्धालु रात्रि में बारिश ना होने का इंतजार कर रहे हैं। बारिश थमने के बाद ही गणेश पर्व की रौनक छाएगी। विविध मोहल्लों में प्रसिद्ध गणेशोत्सव समितियों ने स्थल सजावट की तैयारी पूरी कर ली है।

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Ganesh Utsav 2024: समिति के मनोज राठी व प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि वृंदावन धाम और श्रीकृष्ण की लीलाओं को दिखाने के लिए 25 हजार वर्गफीट का पंडाल में अनेक खंड बनाए गए हैं। इसमें श्रीकृष्ण के जन्म लेने, बाल कृष्ण को टोकरी में रखकर सिर पर धारणकर ले जाते वासुदेव, पूतना वध, माखन चोरी करते कान्हा, कृष्ण पर गुस्सा करते मइया यशोदा और श्रीकृष्ण अपने मुख में ब्रह्मांड का दर्शन कराते, यमलार्जुन वृक्ष तोड़कर नल, कुबेर और मणि ग्रीव को मुक्त करते, कालिया नाग का मर्दन करते, यमुना नदी में स्नान कर रहीं गोपियों का वस्त्र हरण करते, राधा और गोपियों के संग रासलीला नृत्य करते और वृंदावन की होली, पुष्प वाटिका में राधा के संग झूला झूलते जैसे प्रसंगों की झांकी तैयार की गई है। मूर्तियों का निर्माण दुर्ग के कलाकार जंगी मल्होत्रा ने किया है।

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Ganesh Utsav 2024: शिक्षा से भविष्य उज्जवल’ की थीम पर सबको शिक्षा का संदेश

Ganesh Utsav 2024: देशभर में सभी को शिक्षा मिले का नारा देकर जागरूक किया जा रहा है। शिक्षा से भविष्य उज्जवल की थीम पर सबको शिक्षा देने का संदेश देता हुआ पंडाल भी बनाया गया है। अश्विनी नगर गणेशोत्सव समिति के पंडाल में गणेशजी की पांच फीट ऊंची प्रतिमा को पुस्तक पढ़ते प्रस्तुत किया गया है। अगल-बगल में मूषक राज भी गणेशजी को पढ़ते देख रहे हैं। समिति के सदस्यों का कहना है कि पुस्तक पढ़ते गणेश की प्रतिमा के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को संदेश देने की कोशिश की गई है कि शिक्षा हासिल करने से ही भविष्य उज्जवल होगा। कंप्यूटरीकरण के युग में पढ़ना लिखना जरूरी है। बच्चे पढ़ेंगे तभी अपना भविष्य गढ़ेंगे।

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पंडाल में अभिभावकों से निवेदन किया जाएगा कि वे अपने बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा दिलाएं। महंगी शिक्षा के जमाने में अपने खर्चों को कम करें लेकिन बच्चों को पढ़ाने में कंजूसी ना करें। साथ ही अपने बच्चों को अच्छी उच्च शिक्षा के अलावा नैतिक, पारिवारिक शिक्षा भी दी जाए। इससे उनका भविष्य उज्जवल होने के साथ समाज में नाम और सम्मान भी हो।