EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar : महापौर एजाज ढेबर की कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी! दल-बल के साथ पहुंची EOW और ACB की टीम

रायपुर: EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने कारोबारी अनवर ढेबर के भाइयों के घर पर छापेमारी की है। ईओडब्‍ल्‍यू ने रायपुर महापौर एजाज ढेबर के साथ अख्तर ढेबर और जुनैद ढेबर के घर छापा मारा है। सुबह 6 बजे से 16 अधिकारी दबिश देकर जांच में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि शराब घोटाला मामले में कई अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अनवर ढेबर के वेनिंगटन होटल में भी दबिश दी है।

अरुणपति त्रिपाठी के साथ अनवर ढेबर और अरविंद सिंह कोर्ट में पेश

EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar इधर, शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आए अरुणपति त्रिपाठी के साथ कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट पेश किया गया। बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को तीसरी बार रिमांड पर लेने की पूरी तैयारी की गई है, क्योंकि बिहार से अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद उसे भी रिमांड पर लिया जाएगा। तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने के संकेत अधिकारियों ने दिए है। गुरुवार को आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। त्रिपाठी, बिहार के गोपालगंज के भोरे में अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपे थे।

EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar दस्तावेज किए गए जब्त

EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar टीम जिन स्थानों में छापे की कार्रवाई करने पहुंची थी, उन स्थानों से उसने दस्तावेज जब्त किए हैं। किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। दस्तावेज किस प्रवृत्ति के हैं, स्पष्ट नहीं हो सका है। ईओडब्ल्यू की टीम ने सदर बाजार स्थित हवाला कारोबारी के ठिकाने से कई महत्वपूर्ण जब्त किए हैं। सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू को शराब घोटाले की रकम को विदेश में निवेश करने की जानकारी मिली है। हालांकि जांच टीम ने अभी प्राप्त राशि की जानकारी नहीं दी है।

अहम पदों पर रहे त्रिपाठी

EOW May Arrest Mayor Aijaz Dhebar वर्तमान में दूरसंचार विभाग सेवा के अधिकारी एपी त्रिपाठी कई पदों पर रह चुके हैं। वह छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व एमडी भी रहे हैं। इन्हें यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद आइटीएस कैडर मिला था। वह रमन सिंह के समय प्रतिनियुक्ति पर आए थे। वर्ष 2018 में राज्य में सरकार बदलने के बाद भूपेश बघेल सरकार में उनकी रवानगी की चर्चाएं थीं, लेकिन आबकारी विभाग के नीति नियंता के रूप में विशेष सचिव पद पर बैठा दिया गया। वह भिलाई सेक्टर-9, निवासी हैं।