छेर छेरा माई कोठी के धान…आज मनाया जा रहा छत्तीसगढ़ का ‘छेरछेरा’ पर्व, सीएम साय ने प्रदेशवासियों को दी बधाई

Chherchhera festival रायपुरः-भारत त्योहारों का देश है और यहां हर साल, हर माह, हर राज्य में तिथि अनुसार कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं. वैसे ही प्रत्येक प्रांतो में अलग-अलग पर्व भी मनाया जाता है. भारत में मनाए जाने वाले हर त्योहार और लोक पर्व के पीछे कोई ना कोई ऐतिहासिक कहानी होती है, जिसमें हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है, जो पीढ़ियों से हमारे देश में मनाए जा रहे है. ऐसा ही एक लोक पर्व छेरछेरा है, जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है.

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आज मनाया जा रहा छेरछेरा

Chherchhera festival छेरछेरा पर्व पौष पूर्णिमा के दिन छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है.  इसे छेरछेरा पुन्नी या छेरछेरा तिहार भी कहते हैं. इसे दान लेने-देने का पर्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से घरों में धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती. इस दिन छत्तीसगढ़ में बच्चे और बड़े, सभी घर-घर जाकर अन्न का दान ग्रहण करते हैं और युवा डंडा नृत्य करते हैं.

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सभी कहते हैं छेरछेरा…’माई कोठी के धान ला हेर हेरा’

Chherchhera festival इस पर्व को मानते हुए बच्चों और बड़े बुजुर्गों की टोलियां एक अनोखे बोल, बोलकर दान मांगते हैं. दान लेते समय बच्चे ‘छेर छेरा माई कोठी के धान ला हेर हेरा’ कहते हैं और जब तक घर की महिलाएं अन्न दान नहीं देती, तब तक वे कहते रहेंगे ‘अरन बरन कोदो दरन, जब्भे देबे तब्भे टरन’. इसका मतलब ये होता है कि बच्चे कह रहे हैं, मां दान दो, जब तक दान नहीं दोगे, तब तक हम नहीं जाएंगे.

सीएम विष्णुदेव साय ने दी Chherchhera festival  की बधाई

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी है. इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है. साय ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि छेरछेरा पर्व नई फसल के घर आने की खुशी में पौष पूर्णिमा के दिन छत्तीसगढ़ में बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से घरों में धन धान्य की कोई कमी नहीं होती.

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