‘पत्नी की सहमति के बिना अननेचुरल यौन संबंध अपराध नहीं’, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्यों कहा ऐसा

Chhattisgarh News: बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पत्नी के साथ सेक्सुअल रिलेशन के एक मामले में अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि किसी बालिग पत्नी के साथ सहमति के साथ या फिर उसके बिना यौन संबंध बनाने के लिए पति पर रेप या अप्राकृतिक संबंध का आरोप नहीं लगाया जा सकता है. सेक्सुअल रिलेशन बनाना या अप्राकृतिक संबंध में पत्नी की सहमति जरूरी नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को सुनाए अपने फैसले में कोर्ट ने एक शख्स पर लगाए आरोपों को खारिज कर दिया. इसके साथ ही आरोपी को आईपीसी की धारा 376, 377 और 304 से बरी कर दिया और जेल से उसकी फौरन उसकी रिहाई का आदेश दिया.

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कोर्ट ने क्या कहा

Chhattisgarh News: अदालत ने कहा कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है, तो पति का अपनी पत्नी के साथ किए गए किसी भी सेक्सुअल एक्ट को ऐसी परिस्थितियों में रेप नहीं कहा जा सकता है. ऐसे में अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए पत्नी की सहमति होने की जरूरी नहीं है. इसलिए अपीलकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत केस नहीं बनता है.

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जानें क्या है पूरा मामला

भारत में मैरिटल रेप के मामले में सजा नहीं मिलती. अब हाई कोर्ट के एक फैसले ने अननेचुरल रिलेशनशिप को भी सजा के दायरे से बाहर कर दिया गया है. अप्राकृतिक यौन संबंध और गैर इरादतन हत्या के आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया. आरोप है कि 11 दिसंबर 2017 को 40 साल के एक शख्स ने अपनी पत्नी के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ अननेचुरल रिलेशन बनाया था. इसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी.

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Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News: मौत से पहले दिए गए बयान में पत्नी ने कहा था कि पति ने उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए थे. फिर डॉक्टरों ने बताया था कि महिला की मौत की वजह अप्राकृतिक यौन संबंध है. अब कोर्ट ने माना कि अगर पत्नी 15 साल के कम उम्र की नहीं है तो उसके साथ किया गया सेक्सुअल एक्ट बलात्कार नहीं है. किसी भी अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में पति को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी.

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