Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को हाल ही में बताया गया कि राज्य पुलिस ने इस साल 193 लोगों से 211 चाकू जब्त किए हैं. ये चाकू उन लोगों से लिए गए, जिन्हें ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से मिली जानकारी के आधार पर नोटिस जारी किए गए थे. ये वेबसाइट्स चाकू बेच रही थीं. पिछले महीने हाईकोर्ट ने एक समाचार रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें कहा गया था कि पान की दुकानों, जनरल स्टोर्स और गिफ्ट शॉप्स में खुले तौर पर चाकू बिक रहे हैं, जिससे चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ रही हैं.
Chhattisgarh News: हाईकोर्ट ने तब कहा था कि पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है, लेकिन इस समस्या को रोकने के लिए और प्रभावी रणनीति की जरूरत है. इसके जवाब में, 25 अगस्त को पुलिस ने मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ को बताया कि उन्होंने ई-कॉमर्स वेबसाइट्स जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और शॉपक्लूज से बार-बार अनुरोध किया है कि वे उन लोगों की सूची दें, जिन्होंने रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकुओं को छोड़कर अन्य चाकू ऑर्डर किए.
Chhattisgarh News: पुलिस ने बताया कि इन वेबसाइट्स से जानकारी मिलने के बाद, जिन लोगों को चाकू डिलीवर किए गए, उन्हें नोटिस जारी किए गए. इसके बाद, पुलिस ने उन चाकुओं को जब्त किया, जो रसोई या उपयोगी चाकू की श्रेणी में नहीं थे. कुल 193 लोगों के बयान दर्ज किए गए और उनसे 211 चाकू जब्त किए गए. पुलिस ने यह भी बताया कि 2024 में आर्म्स एक्ट के तहत कुल 1,399 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 677 मामले जनवरी से जून के बीच दर्ज हुए.
हाईकोर्ट ने इन जानकारियों पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि यह आंकड़े समाज में खतरनाक स्थिति को दर्शाते हैं. हालांकि, कोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार इस समस्या को रोकने के लिए उचित कदम उठा रही है, ताकि खुले बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे खतरनाक हथियारों की बिक्री न हो. कोर्ट ने कहा, “हमें उम्मीद है कि राज्य और उसकी एजेंसियां और सतर्क रहेंगी और इस खतरे को कम करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएंगी, जिससे आर्म्स एक्ट से संबंधित अपराध कम होंगे.” इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. वहीं राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत और डिप्टी एडवोकेट जनरल शशांक ठाकुर ने पैरवी की.