Chhattisgarh Liquor Scam : नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि वह एक आरोपित को आखिर कब तक जेल में रखेगी।
जांच अपनी गति से चलेगी
Chhattisgarh Liquor Scam : जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की- ”जांच अपनी गति से चलेगी। यह अनंतकाल तक चलती रहेगी। तीन आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। आप किसी व्यक्ति को हिरासत में रखकर उसे वास्तव में दंडित कर रहे हैं। आपने प्रक्रिया को ही सजा बना दिया है। यह कोई आतंकवादी या तिहरे हत्याकांड का मामला नहीं है।”
आरोप तय किए जाने बाकी
Chhattisgarh Liquor Scam : राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि मामले में आरोपितों का सामना अन्य आरोपितों से कराया जाना चाहिए। आरोपितों की ओर से पेश अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया कि मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं और आरोप तय किए जाने बाकी हैं।
सरकारी कर्मचारियों सहित छह लोगों को जमानत दी गई
उन्होंने कहा, ” याचिकाकर्ता को तीन लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। सरकारी कर्मचारियों सहित छह लोगों को जमानत दी गई है। 457 गवाह हैं। जांच अभी भी जारी है।” शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं अरविंद सिंह और अमित सिंह को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से आमना-सामना कराने की अनुमति दी और मामले की अगली सुनवाई मई तक के लिए टाल दी।
Chhattisgarh Liquor Scam : 2,000 करोड़ रुपये से अधिक घोटाले का आरोप
ईडी का आरोप है कि यह घोटाला 2019-22 के बीच राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक लोगों के एक सिंडिकेट द्वारा किया गया था और इसमें 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का दागी धन अर्जित किया। ईडी के अनुसार, डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई ताकि उन्हें एक कार्टेल बनाने और एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी जा सके।