Chhattisgarh Crime News छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में अंधविश्वास की जो कहानी सामने आई है, वो दिल दहला देने वाली है. यहां एक व्यक्ति का बेटा बीमार रहता था. उसे लगता था कि मानव बलि देने से उसका बेटा ठीक हो सकता है. इसी को लेकर उसने एक तीन साल के बच्चे को घर बुलाया और उसकी गला रेतकर हत्या कर दी. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है.
Chhattisgarh Crime News यह कहानी बलरामपुर जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र के कटईडीह गांव की है. यहां रहने वाला आरोपी 40 वर्षीय राजू कोरवा ने पुलिस पूछताछ में जो खुलासा किया, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है. राजू का दावा है कि उसका बेटा मिर्गी और मानसिक बीमारी से ग्रसित है. स्थानीय तांत्रिकों के कहने पर उसने ‘महादानी देवता’ को खुश करने के लिए मानव बलि देने का फैसला किया.
राजू को यह यकीन दिलाया गया था कि अगर वह देवता को मानव बलि देगा तो उसका बेटा पूरी तरह ठीक हो जाएगा. इसी अंधविश्वास में फंसकर उसने तीन साल के मासूम की निर्मम हत्या कर दी.
Chhattisgarh Crime News पुलिस के मुताबिक, 1 अप्रैल को सुलुंगडीह गांव में रहने वाला बच्चा झलबासा जंगल के पास खेलते समय लापता हो गया था. परिजनों ने 6 अप्रैल को सामरीपाठ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जांच के दौरान पुलिस को राजू कोरवा पर शक हुआ. जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने चौंकाने वाला सच उगल दिया.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि मासूम को पहले मिठाई और बिस्किट का लालच देकर अपने घर बुलाया. फिर लोहे की छुरी से उसका गला रेतकर हत्या कर दी. हत्या के बाद शव को बोरे में भरकर पास के नाले के किनारे ले जाकर जला दिया और सिर को घर में छिपाकर तीन दिन बाद जमीन में दफना दिया.
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने सिर, हत्या में इस्तेमाल की गई लोहे की छुरी और शव के जले हुए अवशेष बरामद किए हैं. आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है. पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. इस पूरे मामले में आगे की जांच की जा रही है.