रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव: कितने हैं वोटर्स, कैसा रहा इतिहास, जानिए सबकुछ
Chhattisgarh Assembly By Election: निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है, ऐलान के अनुसार 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ में उपचुनाव होगा, इसमें रायपुर दक्षिण विधानसभा में भी उपचुनाव होना है, इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की निगाहें टिकी हुई हैं. बता दें कि यहां से भाजपा के सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल विधायक थे, हालांकि लोकसभा चुनाव में वो सांसद चुने गए, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई, ऐसे में अब यहां उपचुनाव होना है, जानते हैं इस सीट के इतिहास और आंकड़ों के बारे में.
सीट का इतिहास
Chhattisgarh Assembly By election : रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. साल 2008 में परिसीमन के बाद से हर बार यहां से बृजमोहन अग्रवाल को चुनाव में जीत हासिल हुई, 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल को 17496 वोटों से हराया था. यहां पर पुरुष मतदाताओं की बात करें तो 129093 है और महिला मतदाताओं की बात करें 130804 है. वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 51 है, जबकि कुल मतदाताओं की बात करें तो 259948 है.
बीजेपी का गढ़ है रायपुर दक्षिण सीट
Chhattisgarh Assembly By election : रायपुर दक्षिण सीट विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल यहां से लगातार आठ विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सबसे बड़ी जीत हासिल की थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी यहां से मजबूत उम्मीदवार ही उतारेगी.
Chhattisgarh Assembly By election: इन नामों की चर्चा
फिलहाल रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से चार नामों की चर्चा सबसे तेज देखी जा रही है, जिनमें केदार गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, सुभाष तिवारी और सुनील सोनी का नाम बीजेपी के इंटर्नल सर्वे में निकलकर सामने आया है. माना जा रहा है कि इन्ही नामों में से जिस नाम पर बृजमोहन अग्रवाल की सहमति बनेगी उसे मौका मिल सकता है. इसके अलावा भी बीजेपी सीट पर लगातार फीडबैक लेने में जुटी है.
कांग्रेस
बात अगर कांग्रेस की जाए तो कांग्रेस में भी कई दावेदार नजर आ रहे हैं. पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर, सन्नी अग्रवाल, सतनाम पनाग, सुमीत दास और कन्हैया अग्रवाल का नाम कांग्रेस के दावेदारों में लिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दक्षिण से दूधाधारी मठ के संचालक महंत रामसुंदर दास को चुनाव लड़ाया था. लेकिन उन्हें बृजमोहन अग्रवाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.