Bilaspur High Court राज्य सरकार की तरफ जिला स्तर पर 40 लाख स्वीकृत कर शेड बनाए जाने और 9 नई जगह चिन्हांकित किए जाने की जानकारी दी। महाधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर पुलिस ने एक अभियान चलाया है, जिसमें हाइवे पर बैठे मवेशियों के गले में रेडियम पट्टी लगाई जा रही है। आवारा पशुओं की हाइकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा आपके आपके काऊ कैचर खाली पड़ा हुआ है, केवल दिखाने के लिए खड़े किए जाते हैं, उन पर अब हम एक्शन लेंगे। कलेक्टर और निगम आयुक्त से कहा वो खाली नहीं रहना चाहिए। नेशनल हाईवे अथॉरिटी को निर्देश दिया कि इसमें साइन बोर्ड भी लगाना आवश्यक है। आपका नेशनल हाईवे एकदम खाली पड़ा है, बैरंग.! वही एनएच के तरफ से अधिवक्ता ने कहा गया कि राज्य की तरफ से प्रस्ताव के आधार पर बम्बू क्रॉस बैरियर और अन्य काम किए हैं। 5 लाख रुपए शेड बनाने जिला पंचायत को दिए गए हैं।
इस मामले में अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने पेंड्रीडीह बाईपास में हो रहे हादसे की जानकारी दी और सड़क के किनारे दुकानों से परेशानी का मामला उठाया। जिसपर कोर्ट ने पेंड्रीडीह पंचायत को निर्देशित किया है। वहीं कलेक्टर बिलासपुर को भी निर्देश दिया है। आज हुई सुनवाई में 28 अप्रैल 2025 के आदेश के अनुसार इस न्यायालय द्वारा बार-बार जारी किए गए विभिन्न निर्देशों के बावजूद, इस तरह की घटनाएं अक्सर हो रही हैं जो गंभीर चिंता का विषय है।
Bilaspur High Court इसलिए, राज्य के मुख्य सचिव को उपरोक्त घटना के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। जिसका जवाब पेश किया गया। सुनवाई में इसके अलावा 23 अक्टूबर 2024 की सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता की सलाह और चरवाहे की नियुक्ति सहित अन्य के बारे में मामला संज्ञान में लाया गया। जिसपर महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने बताया कि राज्य शासन की तरफ से एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (sop) पहले ही जारी कर दी गई है। वहीं गौशाला को लेकर फंड भी जारी किए गए हैं। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान मामले को लेकर के मुख्य सचिव और राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 19 अगस्त को निर्धारित की गई है।