Mukesh Chandrakar News: बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस ने एक ठेकेदार के परिसर में सेप्टिक टैंक से एक लापता पत्रकार का शव बरामद किया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक जनवरी की रात से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) का शव कल शाम बीजापुर शहर के चट्टानपारा इलाके में एक ठेकेदार के परिसर में सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया।
खुद का यूट्यूब चैनल था
मुकेश चंद्राकर ‘बस्तर जंक्शन’ के नाम से यूट्यूब चैनल चलाते थे तथा वह नेशनल मीडिया चैनल से भी जुड़े हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि जिस परिसर से पत्रकार का शव बरामद किया गया है वह परिसर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का है। परिसर में बैडमिंटन कोर्ट और नौकरों के लिए क्वार्टर है। उन्होंने बताया कि बीजापुर निवासी पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की रात से अपने घर से लापता थे। इस संबंध में उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था। अधिकारियों के अनुसार मुकेश चंद्राकर के लापता होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल का गठन किया गया तथा उनकी खोज शुरू की गई।
ठेकेदर से अनबन से बढ़ा विवाद
Mukesh Chandrakar News: अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित के मोबाइल नंबर के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि मुकेश चंद्राकर ठेकेदार के परिसर में मौजूद थे। पुलिस ने आज चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में सेप्टिक टैंक से मुकेश चंद्राकर का शव बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है तथा उनसे पूछताछ की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने कुछ समय पहले एक सड़क निर्माण को लेकर खबर प्रसारित की थी जिसके बाद से ठेकेदार और पत्रकार के मध्य अनबन होने लगी थी।
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सीएम ने जताया दुख
Mukesh Chandrakar News: नक्सलियों से जवानों को छुड़ा कर लाया
बस्तर में सांकेतिक तौर पर पत्रकारों ने चक्का जाम भी किया है। साथ ही आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार और पुलिस से मांग की है। मुकेश नक्सलियों के खिलाफ बेबाकी से पत्रकारिता कर रहा था। यही नहीं, कई बार जब सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के शिकंजे में फंस जाते थे तो मुकेश ही उन्हें नक्सलियों से उन्हें छुड़वाता भी था। ऐसे में छत्तीसगढ़ की सरकार और सिस्टम के लिए यह बड़ा सवाल है कि आखिर कैसे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले निर्भीक पत्रकार को अपनी जान गंवानी पड़ी है।