भारतमाला घोटाला- भगवान श्री राम के नाम की भी जमीन खा गए दलाल अधिकारी, पटवारी ने तीन साल दबाकर रखी नामांतरण पंजी

Bharatmala Project Scam Case : रायपुर: रायपुर जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस परियोजना में भष्ट्राचार करने वाले आरोपियों ने श्री जैतू साव मठ के भगवान श्री राम के नाम पर दर्ज जमीन पर भी करोड़ों रुपए का मुआवजा घोटला किया है।

Bharatmala Project Scam Case : जिस जमीन में फर्जीवाड़ा किया गया है वह उगेतरा गांव में है। घोटाले के बाद जमीन की नामांतरण पंजी गायब कर दी गई थी। तीन साल बाद मठ की जमीन की पंजी टीला गांव के दूसरे हल्का के पटवारी राजेश देवांगन के पास से बरामद हुई है। राजेश देवांगन पहले उगेतरा गांव में पदस्थ थे, और ट्रांसफर के बाद भी पंजी साथ ले गए। यह पूरा खेल एसडीएम निर्भय साहू और पटवारी पवन सिंह के कार्यकाल के दौरान हुआ है।

 

इस मामले में शिकायत भी की गई थी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। EOW की जांच में खुलासा हुआ है की मठ की जमीन को फर्जी उमा देवी के नाम पर मुआवजा निकाला गया। जिससे ढाई करोड़ 35 लाख रुपए मिले। मुआवजे की राशी हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, उमा देवी, केदार तिवारी को मिली। सदर बाजार की दुकान से तीस लाख रुपए का सोना खरीदा गया जो अधिकारियों को मिला है। शिकायत पत्र में आरोप है की कुछ स्थानीय लोगों ने अपने आपको मंहत बता कर जमीन बेचने का खेल रचा।

Bharatmala Project Scam Case : शिकायत पत्र में आरोप है की कुछ लोगों ने अपने आप को मंहत बता कर कई लोगों ने जमीनों के पेपर गायब किए। मठ से जुड़े स्थानीय लोगों का कहना है की खुद को निहंग बता कर अधिकार जताने वाले लोग शादीशुदा हैं,पारिवारिक जीवन जी रहे हैं। लाभ लेने अपना नाम बदल लिया है। मांग है की इसकी भी जांच होनी चाहिए।

Bharatmala Project Scam Case :

इसी मामले में SDM निर्भय साहू,तहसीलदार शशीकांत कुर्रे फरार और चार पटवारी फरार हैं। जमीन दलाल हरमीत खनूजा, विजय जैन,उमा देवी, केदार तिवारी गिरफ्तार हैं। जब इस मामले में EOW ने दस्तावेजों की कड़ाई से मांग की तो खोजबीन शुरु हुई और राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस पंजी की तलाश में जुटे। अब पूछताछ में खुलासा होगा की इस घोटाले में और कौन शामिल है।