Bastar: आजादी के बाद पहली बार इन 14 जगहों फहरा तिरंगा, कभी माओवादी लहराते थे काला झंडा

Republic Day 2025

Republic Day 2025 : आज पूरे देश में गणतंत्र दिवस की धूम देखने को मिल रही है. सभी छोटे-बड़े ऑफिसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है. इस बीच आज हम आपको नक्सल प्रभावित छत्तीसढ़ के कुछ ऐसे जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है. माओवादी प्रभाविद इन इलाओं में पहले नक्सली काला झंडा फहराया करते थे.

Republic Day 2025 :

आज नक्सल प्रभावित बस्तर के उन 14 सुरक्षा कैंपों पर तिरंगा फहराया जा रहा है, जो  धुर माओवाद प्रभावित इलाका है. इन इलाकों में माओवादी कभी काले झंडे फहराते थे. हालांकि, सरकार की नक्सल विरोधी अभियान से ऐसा पहली बार हो सका है, जब इन इलाकों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये स्थान क्षेत्र के बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों में हैं. यह वही क्षेत्र हैं, जहां सुरक्षाबलों के नए शिविरों की स्थापना से क्षेत्रों के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

पहली बार फहराया तिरंगा

Republic Day 2025 :  बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि  पिछले साल सितंबर से बीजापुर में कोंडापल्ली, जिदपल्ली, वटेवागु और कर्रेगट्टा, नारायणपुर में होराडी, गरपा कच्चापाल और कोडलियार गांव तथा सुकमा में तुमालपड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा और मेट्टागुड़ा गांवों सहित 13 गांवों के पास सुरक्षाबलों के 14 नए शिविर स्थापित किए गए हैं. इन जगहों पर पहली बार राष्ट्रीय ध्वय यानी तिरंगा फहराया गया है.

आजादी के बाद पहली बार ऐसा आयोजन

Republic Day 2025 :  बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारी सुंदरराज ने बताया कि इन जगहों पर आजादी के बाद से ऐसा आयोजन पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि इन 14 शिविरों में से 10 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), तीन में सीमा सुरक्षा बल (BSF) और एक में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) तैनात है. इन अंदरूनी नक्सली क्षेत्रों में नए शिविरों की स्थापना से नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा है.

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