Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ की पारंपरिक धातुकला को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने वाली सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की प्रसिद्ध ढोकरा–बेलमेटल शिल्पकार मती हीराबाई झरेका बघेल को आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति मती द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है.
Chhattisgarh News मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सम्मान केवल मती हीराबाई झरेका बघेल का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर शिल्पकार का सम्मान है. हमारा राज्य अपनी कला, संस्कृति और हस्तशिल्प पर गर्व करता है. राज्य सरकार कला-संरक्षण, प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन और बाजार विस्तार के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है, ताकि ग्रामीण व वनवासी क्षेत्रों की प्रतिभाएं लाभान्वित हों और विश्व मंच पर अपनी पहचान बना सकें.
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की ढोकरा–बेलमेटल शिल्पकार श्रीमती हीराबाई झरेका बघेल को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया जाना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है।
वनांचल ग्राम पंचायत बैगीनडीह… pic.twitter.com/wcA2zpjzjw
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) December 9, 2025
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Chhattisgarh News मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ग्राम पंचायत बैगीनडीह जैसे वनांचल क्षेत्र से निकलकर अपनी विशिष्ट शिल्पकला के माध्यम से देशभर में छत्तीसगढ़ की पहचान को नई ऊँचाइयाँ देने वाली मती बघेल की उपलब्धि हमारे प्रदेश की समृद्ध लोककला, परंपरा और ग्रामीण प्रतिभा की अद्भुत चमक को राष्ट्रीय मंच पर पुनर्स्थापित करती है. ढोकरा कला सदियों पुरानी धरोहर है, और मती बघेल जैसी शिल्प कलाकार इन परंपराओं को आधुनिक समय के अनुरूप जीवंत बनाए रखने का कार्य कर रही हैं.




