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रायपुर में पकड़े गए ISIS मॉड्यूल को लेकर बड़ा खुलासा, डार्क वेब पर हथियार खोज रहे थे दोनों किशोर

ISIS Digital Module रायपुर। आईएसआईएस समर्थित पाक माड्यूल के कब्जे में फंसे रायपुर के दो किशोरों की गिरफ्तारी के बाद नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। एटीएस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी तो वह राज्य ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माने जा रहे हैं। यह मामला सिर्फ ‘पाक हैंडलर’ तक सीमित नहीं है, बल्कि एक बहुस्तरीय विदेशी नेटवर्क और डिजिटल कट्टरपंथ से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों किशोर केवल पाकिस्तान के आईएसआईएस से जुड़े हैंडलरों के इशारे पर काम नहीं कर रहे थे।

डिवाइस और डिजिटल लाग रिव्यू में सामने आया कि दोनों का संपर्क विदेश में मौजूद कई अन्य डिजिटल यूजर्स से था। कई इंटरैक्शन छद्म पहचान, मास्क्ड अकाउंट और वीपीएन लोकेशन के जरिए हुए थे। चैट पैटर्न में कट्टरपंथी सामग्री, विदेशी भाषा में निर्देश और टास्क आधारित संदेश का मिला है। एटीएस के सूत्र बताते हैं कि यह डिजिटल नेटवर्क संगठित, योजनाबद्ध और तकनीक आधारित है, जिसमें किशोरों को धीरे–धीरे शामिल किया गया।

डार्क वेब पर हथियार खरीदने के प्रयास ने बढ़ाई चिंता

फॉरेंसिक जांच में एटीएस को किशोरों के लैपटाप और मोबाइल से जो जानकारी मिली है, वह बेहद गंभीर है। दोनों किशोर डार्क वेब के जरिये घातक हथियारों की खोज कर रहे थे। हथियारों की कैटेगरी, कीमत और उपलब्धता से जुड़ी लिस्ट मिली है। डार्क वेब सर्फिंग के लिए विशेष अनानिमाइजिंग टूल्स व ब्राउजर का इस्तेमाल किया गया। एटीएस ने इस हिस्से को हाई रिस्क कैटेगरी में चिह्नित किया है और साइबर एक्सपर्ट्स की अलग टीम इसकी गहराई में जांच कर रही है।

अरबी भाषा सीखकर संगठन को मजबूत करने का प्रयास

ISIS Digital Module एटीएस को मिले टूल्स और मोबाइल एप से पता चला कि दोनों किशोर अरबी सीखने के कोर्स, ट्यूटोरियल्स और डिजिटल लैंग्वेज टूल्स का उपयोग कर रहे थे। इसका उद्देश्य विदेशी हैंडलरों से सीधे संवाद करना, संदेशों को गुप्त कोड में बदलना, कट्टरपंथी सामग्री को समझना। बताया जा रहा है कि पाक माड्यूल उन्हें धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क में फिट करने की तैयारी कर रहा था।

इंस्टाग्राम पर ‘आईएसआईएस रायपुर’ ग्रुप

जांच में सामने आया है कि दोनों किशोरों ने इंस्टाग्राम पर ’आईएसआईएस रायपुर’ नाम से एक ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में विचार वाले युवाओं को जोड़ने की कोशिश, कट्टरपंथी पोस्ट, प्रतीक चिन्ह, वीडियो शेयर, विदेशी प्रोफाइल्स से इंटरैक्शन किया जा रहा था। ग्रुप की गतिविधियों की टाइमलाइन और मेंबरशिप पैटर्न एटीएस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

जांच का दायरा बढ़ा

ISIS Digital Module जैसे ही किशोरों के संपर्कों की सूची सामने आई, एटीएस की जांच रायपुर से बाहर निकलकर भिलाई, बिलासपुर अन्य जिलों और छत्तीसगढ़ के बाहर कई राज्यों तक फैल चुकी है। भिलाई के जिन चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा गया था, उन्हें छोड़ दिया गया है। एटीएस ने उनके मोबाइल सीज कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है।

धार्मिक तालिम देने वालों से भी होगी पूछताछ

दोनों किशोर जिन्हें धार्मिक तालिम देने वालों से एटीएस की टीम पूछताछ करेगी। वहीं उनसे मिलने वाले उनकी गतिविधियों पर नजर रखने वाले और जिनके संपर्क में वे अक्सर रहते थे। उन सभी से एटीएस जरूरत पड़ने पर पूछताछ करेगी।

ISIS Digital Module किशोरों का बनाया गया नेटवर्क जांच के घेरे में

किशोरों द्वारा इंस्टाग्राम पर बनाया गया नेटवर्क जांच के केंद्र में है। इसी कारण एटीएस ने इंस्टाग्राम मुख्यालय कैलिफोर्निया को हाई-प्रायोरिटी ईमेल भेजकर डेटा मांगा है। मांगे गए डिजिटल डोजियर में विस्तृत लागिन हिस्ट्री, आइपी एड्रेस और लोकेशन बदलाव, चैट बैकअप, सर्वर मेटाडेटा, संदिग्ध मास्क्ड अकाउंट व इंटरैक्शन, कई बार बदले गए यूजरनेम पैटर्न, ग्रुप की टाइमलाइन और मेंबर गतिविधि, डिवाइस लिंकिंग और रिकवरी लागिन। इस बारे में एजेंसियों का कहना है कि यह डेटा उन सभी छिपे हुए डिजिटल यूजर्स को सामने लाएगा जो अभी तक पहचान से बाहर हैं।