477 Naxalites Killed In 22 Months रायपुर। माओवादी हिंसा के खिलाफ चल रही मुहिम का असर यह हुआ कि 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 माओवादी मारे गए, 2,110 ने आत्मसमर्पण किया और 1,785 गिरफ्तार किए गए। इसी के साथ सरकार ने दावा किया है कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ माओवादी हिंसा से मुक्त हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हिंसा सदैव अंतहीन दर्द देती है। आत्मसमर्पण में ही जीवन है।
477 Naxalites Killed In 22 Months
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का माओवादी हिंसा से मुक्त होना यह प्रमाण है कि अब बस्तर भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत आज माओवादी हिंसा के अंत की दहलीज पर खड़ा है। बीते दो दिनों में 258 माओवादियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति जीत रही है।
पुनर्वास नीति और नियद नेल्ला नार योजना लाई रंग
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह माओवादी हिंसा से मुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है। यह परिवर्तन राज्य सरकार की माओवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा नियद नेल्ला नार योजना की सफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है। डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, बस्तर में लगातार स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों और वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ते विश्वास ने इस सकारात्मक परिवर्तन को संभव बनाया है।
477 Naxalites Killed In 22 Months उन्होंने कहा कि अब तक माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 64 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुंची है। मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनके समर्पण से ही आज बस्तर भयमुक्त हुआ है और शांति की राह पर अग्रसर है।
477 Naxalites Killed In 22 Months साय ने कहा कि सरकार की नीति दो टूक है। हिंसा का कोई स्थान नहीं। जो माओवादी शांति और विकास का मार्ग चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है। लेकिन जो बंदूक उठाकर समाज में आतंक फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने सभी माओवादियों से अपील की कि हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण जीवन को नई दिशा देते हुए नई शुरुआत का रास्ता खोलता है। अपनी मातृभूमि के भविष्य और अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए हथियार त्यागें।