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‘जो परिवार से बात करेगा उसे देना होगा जुर्माना”, धमतरी में समाज ने किया फैमिली का हुक्का पानी बंद

Dhamtari News धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक निर्दोष परिवार महीनों से सामाजिक बहिष्कार की मार झेल रहा है। गाली-गलौज के मामूली आरोप में गांव वालों ने परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया है और 10 हजार रुपये का भारी-भरकम जुर्माना भी ठोक दिया। 16 सदस्यों वाले इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलिस और प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद अब तक कोई राहत नहीं मिली। थक-हारकर अब वे जिला प्रशासन के दर पर न्याय की आस लगाए हैं।

क्या है पूरा मामला?

धमतरी जिले के केरेगांव क्षेत्र के दरगहन गांव में रहने वाले देवकरण साहू और उनके परिवार पर गाली-गलौज का आरोप लगाया गया। इसके बाद गांव वालों ने सामूहिक फैसला लेते हुए परिवार का सामाजिक बहिष्कार घोषित कर दिया। हुक्का-पानी बंद होने का मतलब है कि परिवार को गांव की सामाजिक गतिविधियों से पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया। न कोई बातचीत, न किसी उत्सव या कामकाज में शामिल होना। यह बहिष्कार कई महीनों से जारी है, जिससे परिवार की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो गई है।

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परिवार के 16 सदस्यों में बच्चे-बुजुर्ग सभी परेशान हैं। खाने-पीने से लेकर सामाजिक संपर्क तक सबकुछ ठप हो चुका है। देवकरण साहू ने बताया, “हमने कभी किसी का बुरा नहीं सोचा, लेकिन एक छोटी-सी गलतफहमी ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी। गांव में कोई हमसे बात नहीं करता, दुकानदार सामान देने से कतराते हैं।

“प्रशासन से गुहार, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं

Dhamtari News पीड़ित परिवार ने कई बार स्थानीय पुलिस थाने और तहसील कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कहीं से भी ठोस कदम नहीं उठा। आखिरकार, वे जिला मुख्यालय पहुंचे और अपर कलेक्टर से मिले। मामले ने अब प्रशासन का ध्यान खींचा है। अपर कलेक्टर ने पीड़ितों को आश्वस्त किया कि शिकायत को नगरी एसडीएम को सौंप दिया गया है और जल्द ही उचित जांच के बाद कार्रवाई होगी।

सवाल उठते हैं: कब मिलेगा न्याय?

Dhamtari News यह घटना गांवों में प्रचलित सामाजिक पंचायतों की मनमानी को उजागर करती है। क्या कानून के राज में ऐसी प्रथाएं अब भी जारी रहेंगी? पीड़ित परिवार अब प्रशासन की कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। सवाल यह है कि क्या उन्हें गांव की मुख्यधारा में वापस लौटने का मौका मिलेगा, या फिर न्याय की आस में लंबे समय तक दर-दर भटकना पड़ेगा?जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला ऐसा मामला नहीं है। सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे। हम इस मामले पर नजर बनाए रखेंगे।