Chhattisgarh: जबरन धर्मांतरण मामले में केरल की दो नन को NIA कोर्ट से मिली राहत, तीनों आरोपियों को जमानत

Chhattisgarh News: मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोपों में पिछले सप्ताह गिरफ्तार हुईं केरल की दो कैथोलिक नन को शनिवार को जमानत मिल गई। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित एनआईए (NIA) कोर्ट ने दोनों नन को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें अपने पासपोर्ट भी अदालत में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। इन दोनों नन, सिस्टर प्रीति मैरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस का संबंध केरल के अलप्पुझा जिले में स्थित सिरो-मालाबार चर्च के अंतर्गत आने वाले “असीसी सिस्टर्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट” से है।

खारिज हो चुकी थी एक याचिका

Chhattisgarh News:  इससे पहले, छत्तीसगढ़ की एक सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उसे इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है, क्योंकि मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है और इस पर निर्णय लेने का अधिकार NIA कोर्ट को है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद उनकी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बिलासपुर स्थित इस अदालत शनिवार को यह फैसला सुनाया। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों नन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।

Chhattisgarh News:  क्या है पूरा मामला?

Chhattisgarh News:  दोनों नन उत्तर प्रदेश के आगरा में एक अस्पताल में कार्यरत थीं। वे छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से तीन महिलाओं को अपने साथ आगरा ले जा रही थीं। इसी दौरान दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोका और उन पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और मानव तस्करी के आरोप लगाए। कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर स्थानीय पुलिस ने दोनों ननों और सुकमन मंडावी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।